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बेटियाँ होंगी न जब

ebook

मैं कभी किसी मंच पर या मुशायरे में शामिल नहीं हुई, न ही किसी के सामने गज़ल कही है। लंबी अस्वस्थता से श्रवण क्षमता कमजोर होने के कारण बाहरी दुनिया से भी लगभग कटी हुई हूँ, प्रकृति की सुंदरतम गोद और वेब की दुनिया ही मेरा सृजन-संसार है। मेरी समस्त रचनाएँ प्रकृति से संवाद करते हुए और वेब पर पढ़ते हुए ही तैयार हुई हैं। गजल का अर्थ ही 'सुंदर स्त्री' होता है और इसके भाव-सौंदर्य संसार में गहराई तक उतरने के बाद ही मैं जान पाई कि यह विधा स्वयं में कितनी सुंदरता लिए हुए है। यहाँ किसी शेर या गज़ल विशेष को इंगित करना कठिन है, विविध विषयों और भावों पर आप मेरी जो भी गज़ल पढ़ेंगे, उसके साथ आपका मन भी प्रवाहमान होकर गुनगुनाने लगेगा।
मैं मन से चाहती हूँ कि हर इंसान जीवन में किताबों का महत्व समझे और उनसे प्रेम करे।


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Publisher: कल्पना रामानी

OverDrive Read

  • ISBN: 9780463540084
  • Release date: January 30, 2019

EPUB ebook

  • ISBN: 9780463540084
  • File size: 356 KB
  • Release date: January 30, 2019

Formats

OverDrive Read
EPUB ebook

subjects

Fiction Poetry

Languages

Hindi

मैं कभी किसी मंच पर या मुशायरे में शामिल नहीं हुई, न ही किसी के सामने गज़ल कही है। लंबी अस्वस्थता से श्रवण क्षमता कमजोर होने के कारण बाहरी दुनिया से भी लगभग कटी हुई हूँ, प्रकृति की सुंदरतम गोद और वेब की दुनिया ही मेरा सृजन-संसार है। मेरी समस्त रचनाएँ प्रकृति से संवाद करते हुए और वेब पर पढ़ते हुए ही तैयार हुई हैं। गजल का अर्थ ही 'सुंदर स्त्री' होता है और इसके भाव-सौंदर्य संसार में गहराई तक उतरने के बाद ही मैं जान पाई कि यह विधा स्वयं में कितनी सुंदरता लिए हुए है। यहाँ किसी शेर या गज़ल विशेष को इंगित करना कठिन है, विविध विषयों और भावों पर आप मेरी जो भी गज़ल पढ़ेंगे, उसके साथ आपका मन भी प्रवाहमान होकर गुनगुनाने लगेगा।
मैं मन से चाहती हूँ कि हर इंसान जीवन में किताबों का महत्व समझे और उनसे प्रेम करे।


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